जीवन बदलने वाली कहानी | Jeevan Badlane Wali Kahaini जाने एक अपाहिज लड़की की कहानी
जीवन बदलने वाली कहानी | Jeevan Badlane Wali Kahaini
जाने एक अपाहिज लड़की की कहानी
हेलो दोस्तों मेरा नाम विकाश है मैं आपके लिए बहुत अच्छी प्रेरणादायक कहानियाँ वेबसाइट में डालता रहता हूं आपको अगर आर्टिकल अच्छा लगे तो कृपया करके शेयर करें और गलती होने पर कृपया करके कमेंट करें और आपको इसमें से कौन सा पॉइंट अच्छा लगा वह बताएं
आपको
ये कहानी पढ़ने मे मजेदार भी लगेगी और इस कहानी से आपको कुछ नया सीखने को
मिलेगा जीवन बदलने वाली कहानी आप
जो इस समय काम करते हैं वही आपके अंतिम परिणाम को तय करेगा अरस्तू ने इसे बहुत
बढ़िया तरीके से कहा था, “इंसान किसी खास तरीके से
लगातार काम करके कोई विशिष्ट गुण हासिल करता हैं”
Jeevan badlane wali kahani
जैन विदर्स का उदाहरण इस नियम की पुष्टि
करता हैं, आप कर सकते हैं बशर्त आप ठान
ले-ईश्वर की मदद से लाखो टी॰वी दर्शक यह जानकार हैरान होगे कि जैन विदर्स
रयूमेटाइड आथ्राइटिस कि वजह से कभी लगभग अपाहिज हो चुकी थी जैन खुशिमिजाज सकरात्मक
सोच वाली “जोसेफ़ाइन” है, जो टी॰वी कमर्शियल कि लेडी प्लंबर
हैं Jeevan
badlane wali kahani
जैन
विदर्स फ्लिमों की महान बाल अभिनेत्रियों मे से एक हैं दो साल की उम्र मे वे मंच
पर नाचने-गाने लगी थी तीन साल की उम्र मे वे अपने खुद के रेडियो कार्यक्रम मे आने
लगी थी पाँच साल की उम्र मे जैन और उनकी माँ हॉलीवुड चले गए, जहाँ उन्होने शर्ल टेम्पल के साथ फ्लिम मे भूमिका निभाई और उन्हे सात साल
का कांट्रैक्ट मिल गया Jeevan badlane wali kahani
सैतालीस भूमिकाओ के बाद जैन कैलिफोर्निया यूनिवरसिटि
मे दाखिल हुई फिर दूसरे विश्वयुद्ध आया और वे सैनिकों का मनोबल बढ़ाने के लिए चल दी
उत्साह और जीवन्तता से उन्होने सैनिकों के लिए सौ से अधिक शो किए वे अपने फ्लिमी
करियर को भी आगे बढ़ाती रही और दरअसल वे इकलौती बाल कलाकार थी, जो इस तथाकथित “अजीब उम्र” से गुजर गई
Jeevan
badlane wali kahani
जैन ने अपनी शादी के दस दिन
पहले तक काम करना नहीं छोड़ा उस समय उनकी उम्र इक्कीस साल थी और उन्होने घर-परिवार
की खातिर अपना करियर छोड़े दिया उनके बच्चे “बहुत सुंदर थे, जैसा ईश्वर ने उन्हे बनाया था और जैसे वे अब भी हैं, “जैन कहती हैं
फिर इस उत्साही, रचनात्मक, प्रगतिशील महिला को रयूमेटाइड आर्थेटिस का ज़ोरदार अटैक आया लकवाग्रस्त
होकर उन्होने डॉक्टर से पूछा की क्या वे दोबारा चल पाएगी Jeevan badlane wali kahani
डॉक्टर ने जवाब दिया, “अगर सब कुछ ठीक रहा, तो एक दों साल मे शायद आप चल
सके” लेकिन क्या वह ठीक होकर दोबारा लौट पाएगी? क्या वे
दोबारा वितियो के ऊपर पहुँच सकेगी ?
जैन ने अपने डॉक्टरो से आस्था व्यक्त की
“उन्होने कहा, “ लेकिन मैंने उन्हे यह भी बताया कि ईश्वर मेरा पार्टनर
था और मैंने अपना सारा जीवन उनके हाथ मे रख दिया और मुझे सचमुच विश्वास था कि मैं
दोबारा चलूँगी”
उन्होने अपनी शक्तिशाली तस्वीर देखी
हर दिन जैन ने सकारात्मक संकल्प किया कि वे
जरूर चलेंगी उन्होने अपने मन मे लगातार एक तस्वीर देखी, अपाहिज के रूप मे नहीं, बल्कि सशक्त और उत्साही
महिला के रूप मे उन्होने अपने बचपन कि तस्वीर देखी, जब उनके
जोड़े और मांसपेशियाँ पूरी तरह काम करते थे उन्होने इस तस्वीर को दृढ़ता से अपने
चेतन मन मे रखा जैन कहती हैं , “अपनी शक्ति के स्त्रोत के
रूप ईश्वर मे गहरी आस्था के सहारे मैं नौ महीने के भीतर ही चलाने लगी और अपने
बच्चो कि सारी जिम्मेदारियो सभालने लगी तब से वह बीमारी दोबारा लौटकर नहीं आई” Jeevan badlane wali kahani
चमत्कार? देखिए, चमत्कार आखिर क्या हैं? शायद यह एक ऐसी घटना हैं, जिसे वैज्ञानिक फॉर्मूले द्वारा स्पष्ट न किया जा सके, लेकिन जिसकी पुष्टि सकरात्मक आस्था के अध्यात्मिक फोर्मूले द्वारा कि जा
सकती हैं चाहे जो हो इसने जैन विदर्स को समस्याओ के ऊपर पहुँचा दिया और वही कायम
रखा
चाहे आपको कितनी भी मुश्किल आ रही हो, चाहे राह कितनी ही कठिन दिख रही हो, अपने विचार
उच्च और सकरात्मक रखे ऐसा हेमशा करे, चाहे स्थिति कितनी ही
मुश्किल, यहाँ तक अताक्रिक भी लग रही हो सेमुअल बलटर कि तरह
खुद को यह यकीन न दिलाएँ कि जिंदगी “थकने कि लबी प्रक्रिया हैं” या सिगमड फ्रायड
कि तरह न सोचे कि “इंसान का प्रमुख कर्तव्य जीवन को सहन करना हैं” इन महान
व्यक्तियों की बाटो को दरकिनार कर यह सोचे कि आपको जीवन को काबू मे करना हैं और
इसका स्वामी बनना हैं हेमशा याद रखे कि आपको जितना एहसास हैं या अपने जितनी कल्पना
कि हैं, आपमे उससे ज्यादा शक्ति हैं अगर आप सफल होने और बने
रहने के लिए संकल्पवान हैं, तो निश्चित रूप से कोई चीज़ आपको
नीचे नहीं रख सकती अपनी जबर्दस्त आंतरिक शक्ति का लाभ ले,
क्योकि यह मौजूद हैं और “जबर्दस्त” ही उस शक्ति के लिए सही विशेषण हो सकता हैं
हेमशा यह विचार रखे कि आप कुछ भी कर सकते हैं, बशर्त आप ठान
ले| Jeevan
badlane wali kahani
कभी
भी खुद से यह न कहे कि आप यह या वह काम नहीं कर सकते कभी नकारात्मक रूप से यह दावा
न करे कि कोई काम संभव नहीं है खुद को बस इतना बताएं कि आप कोई भी काम कर सकते हैं
सबसे पहले यह सोचे कि आप कर सकते हैं, फिर कोशिश
करने मे जुट जाएँ और तब आपको यह सचमुच पता लगेगा कि आप सचमुच कर सकते हैं खुद पर
भरोसा करना सीखे हैं
आपको कहानी अच्छी लगी हो तो कृपया
कहानी को बहुत से लोगो को भेजे
Read More (और पढे ) एक कहानी बहुत अच्छी (एक कहानी जो आप की जिदंगी बदल सकती हैं )
कोई टिप्पणी नहीं