Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Jeevani

is motivation and inspiration the same thing

  is motivation and inspiration the same thing एक पिता की कहानी | संकट मे शक्ति

 

is motivation and inspiration the same thing

एक पिता की कहानी | संकट मे शक्ति

https://hindiblogsu.blogspot.com/2022/12/is-motivation-and-inspiration-same-thing.html

हेलो दोस्तों मेरा नाम विकाश है मैं आपके लिए बहुत अच्छी प्रेरणादायक कहानियाँ वेबसाइट में डालता रहता हूं आपको अगर आर्टिकल अच्छा लगे तो कृपया करके शेयर करें और गलती होने पर कृपया करके कमेंट करें और आपको इसमें से कौन सा पॉइंट अच्छा लगा वह बताएं

आपको ये कहानी पढ़ने मे मजेदार भी लगेगी और इस कहानी से आपको कुछ नया सीखने को मिलेगा  जीवन बदलने वाली कहानी आप जो इस समय काम करते हैं उदारण के लिए यह प्रसंग पढे, जिसे मैंने एक अखबार मे पढ़ा था      

is motivation and inspiration the same thing    

एक किसान अपने जमीन के सामने खड़ा था वह एक ट्रक को तेजी से अपनी जमीन के पार आते देख रहा था ट्रक उसका चोदह साल का लड़का चला रहा था लड़का इतना छोटा था की उसे लाईसेस नहीं मिल सकता था लेकिन वह गाड़ियो का दीवाना था और गाड़ी चलाने मे माहिर भी लगता था उसे खेत के चारो तरफ पिकअप ट्रक चलाने की इजाजत दे दी गई थी, लेकिन सड़को पर जाने के मनाही is motivation and inspiration the same thing    

अचानक दहशत मे पिता ने देखा की ट्रक पलटकर गडढ़े मे गिर गया दौड़कर पास जाने पर उसने देखा की गडढ़े मे पानी था और उसका लड़का ट्रक के नीचे था लड़के का सिर बुरी तरह से पानी मे डूबा था       is motivation and inspiration the same thing    

किसान नाटा था अखबार की खबर के अनुसार उसकी लबाई पाँच फुट सात इंच थी उसका वजन 110 किलो था लेकिन एक पल भी हिचके बिना वह गडढ़े मे कूद गया उसने अपने हाथ ट्रक के नीचे रखे और उसे इतना उठा दिया ताकि एक नौकर अचेत लड़के को बाहर खींच सके जो भागता हुआ वहाँ आ गया था    is motivation and inspiration the same thing    

 स्थानीय डॉक्टर तत्काल आया, उसने लड़के की जाँच की चोटों का इलाज किया और उसे बिलकुल ठीक बताया  Jeevan badlane wali kahani

इस दौरान पिता सोच-विचार मे डूबा था उसने बिना सोचे समझे उस ट्रक को उठा दिया था उसने एक पल के लिए भी नहीं सोचा था की क्या वह उठा सकता था जिज्ञासा से उसने दोबारा कोशिश की वह ट्रक को हिला भी नहीं पाया डॉक्टर ने कहा कि यह चमत्कार हैं उसने स्पष्ट किया कि शरीर कई बार आपातकाल मे बहुत ज्यादा एड्रीनलिन छोड़ देता हैं जिससे अतिरिक्त शक्ति मिल जाती हैं यह इकलौता स्पष्टीकरण था, जो वह दे सकता था

जाहीर हैं, इतने सारे एड्रीनलिन के स्त्राव कि क्षमता ग्रथियों मे पहले से मौजूद थी जो चीज मौजूद ही ण हो, उसे सक्रिय नहीं किया जा सकता आम तौर पर व्यक्ति के पास बहुत सी शारीरिक शक्ति रिजर्व मे रहती हैं

इस तरह के अनुभव हमे एक और महत्वपूर्ण तथ्य बताते हैं किसान को कुछ हुआ था जिस वजह से उसमे सामान्य से ज्यादा शारीरिक शक्ति आ गई लेकिन यह शारीरिक प्रतिक्रिया से अधिक बड़ी शक्ति थी इसमे मानसिक और आत्मिक शक्तियों भी शामिल थी जब उसने देखा कि उसका बेटा मर सकता हैं, तो उसके दिमाग की प्रतिक्रिया ने उसे बचाव के लिए प्रेरित किया उस समय उसके मन मे उस लड़के के ऊपर से ट्रक को उठाने के अलावा कोई विचार नहीं था इस तरह का संकट उन अद्भुत निहित शक्तियों को बाहर निकालता हैं, जिन्हे आप आत्मिक एड्रीनलिन कह सकते हैं अगर यस स्थिति मे अधिक शारीरिक शक्ति की जरूरत हो, तो मानसिक अवस्था उसे उत्पन्न कर देती हैं            

स्वस्थ और सशक्त बनने की चुनौती  

आंतरिक शक्ति के इन छिपे हुए भडारो को बहुत सी चीजे सक्रिय कर सकती हैं इसमे खतरे या सकंट की जरूरत नहीं होती हैं मेरे परिचित विलियम एच डैनफ़ोर्थ रैल्स्टन प्यूरीना कंपनी के प्रमुख थे वे पहली बार अपनी क्षमताओ से तब परिचित हुए, जब उन्हे उनके टीचर ने कहा, “मैं तुम्हें चुनौती देता हूँ की तुम इस क्लास के सबसे दमदार बच्चे बन जाओ मैं तुम्हें चुनौती देता हूँ कि तुम सर्दी और बुखार कि बीमारियो को अपने सिस्टम से हटा दो मैं तुम्हें चुनौती देता हूँ कि तुम अपने शरीर को ताजी हवा, शुद्ध पानी अच्छे भोजन और दैनिक व्यायाम से भर लो, जब तक कि तुम्हारे गाल गुलाबी न हो जाएँ, तुम्हारा सीना न उभर आए और तुम्हारे अंग मजबूत न हो जाएँ “   is motivation and inspiration the same thing    

उस अनुभव को याद करते हुए विलियम एच डैनफ़ोर्थ लिखते हैं :जब उन्होने इस तरह बात की, तो मेरे भीतर कुछ हुआ मेरा खून तेजी से दौड़ने लगा इसने उस चुनौती का जवाब दिया, जो मेरे शरीर मे बह रही थी जैसे मेरी उगलियाँ युद्ध करने के लिए कुलबुला रही हो मैंने अपने शरीर से सारे जहर दूर कर दिए मैंने एक ऐसा शरीर बनाया, जो उस क्लास के सबसे मजबूत बच्चो जैसा था और मैं अपने ज़्यादातर सहपाठियों से ज्यादा जी लिया हूँ उस दिन से मैंने बीमारी के कारण जरा सा भी समय नहीं गवाया शर्त आप ठान ले| is motivation and inspiration the same thing    

   Read More (और पढे ) एक कहानी बहुत अच्छी (एक कहानी जो आप की जिदंगी बदल सकती हैं

 

 

 

 

कोई टिप्पणी नहीं