is motivation and inspiration the same thing एक पिता की कहानी | संकट मे शक्ति
is motivation and inspiration the same thing
एक पिता
की कहानी | संकट मे शक्ति
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आपको
ये कहानी पढ़ने मे मजेदार भी लगेगी और इस कहानी से आपको कुछ नया सीखने को
मिलेगा जीवन बदलने वाली कहानी आप
जो इस समय काम करते हैं उदारण के लिए यह प्रसंग पढे, जिसे
मैंने एक अखबार मे पढ़ा था
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एक किसान अपने जमीन के सामने खड़ा था वह एक ट्रक को तेजी से अपनी जमीन के
पार आते देख रहा था ट्रक उसका चोदह साल का लड़का चला रहा था लड़का इतना छोटा था की
उसे लाईसेस नहीं मिल सकता था लेकिन वह गाड़ियो का दीवाना था और गाड़ी चलाने मे माहिर
भी लगता था उसे खेत के चारो तरफ पिकअप ट्रक चलाने की इजाजत दे दी गई थी, लेकिन सड़को पर जाने के मनाही is motivation and
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अचानक
दहशत मे पिता ने देखा की ट्रक पलटकर गडढ़े मे गिर गया दौड़कर पास जाने पर उसने देखा
की गडढ़े मे पानी था और उसका लड़का ट्रक के नीचे था लड़के का सिर बुरी तरह से पानी मे
डूबा था is motivation and inspiration the
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किसान
नाटा था अखबार की खबर के अनुसार उसकी लबाई पाँच फुट सात इंच थी उसका वजन 110 किलो
था लेकिन एक पल भी हिचके बिना वह गडढ़े मे कूद गया उसने अपने हाथ ट्रक के नीचे रखे
और उसे इतना उठा दिया ताकि एक नौकर अचेत लड़के को बाहर खींच सके जो भागता हुआ वहाँ
आ गया था is motivation and inspiration the
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स्थानीय डॉक्टर तत्काल आया, उसने लड़के की जाँच की चोटों का इलाज किया और उसे बिलकुल ठीक बताया Jeevan badlane wali kahani
इस दौरान पिता सोच-विचार मे डूबा था उसने बिना
सोचे समझे उस ट्रक को उठा दिया था उसने एक पल के लिए भी नहीं सोचा था की क्या वह
उठा सकता था जिज्ञासा से उसने दोबारा कोशिश की वह ट्रक को हिला भी नहीं पाया
डॉक्टर ने कहा कि यह चमत्कार हैं उसने स्पष्ट किया कि शरीर कई बार आपातकाल मे बहुत
ज्यादा एड्रीनलिन छोड़ देता हैं जिससे अतिरिक्त शक्ति मिल जाती हैं यह इकलौता
स्पष्टीकरण था, जो वह दे सकता था
जाहीर हैं, इतने सारे
एड्रीनलिन के स्त्राव कि क्षमता ग्रथियों मे पहले से मौजूद थी जो चीज मौजूद ही ण
हो, उसे सक्रिय नहीं किया जा सकता आम तौर पर व्यक्ति के पास
बहुत सी शारीरिक शक्ति रिजर्व मे रहती हैं
इस तरह के अनुभव हमे एक और महत्वपूर्ण तथ्य
बताते हैं किसान को कुछ हुआ था जिस वजह से उसमे सामान्य से ज्यादा शारीरिक शक्ति आ
गई लेकिन यह शारीरिक प्रतिक्रिया से अधिक बड़ी शक्ति थी इसमे मानसिक और आत्मिक
शक्तियों भी शामिल थी जब उसने देखा कि उसका बेटा मर सकता हैं, तो उसके दिमाग की प्रतिक्रिया ने उसे बचाव के लिए प्रेरित किया उस समय
उसके मन मे उस लड़के के ऊपर से ट्रक को उठाने के अलावा कोई विचार नहीं था इस तरह का
संकट उन अद्भुत निहित शक्तियों को बाहर निकालता हैं, जिन्हे
आप आत्मिक एड्रीनलिन कह सकते हैं अगर यस स्थिति मे अधिक शारीरिक शक्ति की जरूरत हो, तो मानसिक अवस्था उसे उत्पन्न कर देती हैं
स्वस्थ और सशक्त बनने की चुनौती
आंतरिक शक्ति के इन छिपे हुए भडारो को बहुत सी
चीजे सक्रिय कर सकती हैं इसमे खतरे या सकंट की जरूरत नहीं होती हैं मेरे परिचित विलियम
एच डैनफ़ोर्थ रैल्स्टन प्यूरीना कंपनी के प्रमुख थे वे पहली बार अपनी क्षमताओ से
तब परिचित हुए, जब उन्हे उनके टीचर ने कहा, “मैं तुम्हें चुनौती देता हूँ की तुम इस क्लास के सबसे दमदार बच्चे बन जाओ
मैं तुम्हें चुनौती देता हूँ कि तुम सर्दी और बुखार कि बीमारियो को अपने सिस्टम से
हटा दो मैं तुम्हें चुनौती देता हूँ कि तुम अपने शरीर को ताजी हवा, शुद्ध पानी अच्छे भोजन और दैनिक व्यायाम से भर लो, जब
तक कि तुम्हारे गाल गुलाबी न हो जाएँ, तुम्हारा सीना न उभर आए
और तुम्हारे अंग मजबूत न हो जाएँ “ is motivation and inspiration the
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उस अनुभव को याद करते हुए विलियम एच डैनफ़ोर्थ
लिखते हैं :जब उन्होने इस तरह बात की, तो मेरे भीतर
कुछ हुआ मेरा खून तेजी से दौड़ने लगा इसने उस चुनौती का जवाब दिया, जो मेरे शरीर मे बह रही थी जैसे मेरी उगलियाँ युद्ध करने के लिए कुलबुला रही
हो मैंने अपने शरीर से सारे जहर दूर कर दिए मैंने एक ऐसा शरीर बनाया, जो उस क्लास के सबसे मजबूत बच्चो जैसा था और मैं अपने ज़्यादातर सहपाठियों
से ज्यादा जी लिया हूँ उस दिन से मैंने बीमारी के कारण जरा सा भी समय नहीं गवाया शर्त
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