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Battle of Chamkaur in Hindi | Guru Gobind Singh Ji

 Battle of Chamkaur in Hindi | Guru Gobind Singh Ji

 Battle of Chamkaur in Hindi | Guru Gobind Singh Ji

Guru Gobind Singh Ji


गुरु गोविंद सिंह जी

गुरु गोबिन्द सिंह (गुरु गोबिंद सिंह) (जन्म:पौष शुक्ल सप्तमी संवत् 1723 विक्रमी तदनुसार 22 दिसम्बर 1666- मृत्यु 7 अक्टूबर 1708 ) आप सिखों के दसवें गुरु थे। आपके पिता जी श्री गुरू तेग बहादुर जी की सहादत के उपरान्त 11 नवम्बर सन 1675 को 10 वे गुरू बने। आप एक महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक नेता थे।

यह गुरु गोबिन्द  सिंह जी ऐसे लीडर हैं जो कि समझने योग्य अकल्पनीय अविश्वसनीय विचारों के साथ बैटल ऑफ़ चमकौर  को लड़ा था

Battle Of Chamkaur in Hindi


गुरु गोविंद सिंह जी की वीरता की कहानी( Guru Gobind singh)

थोड़ा अविश्वसनीय है जो खालसा पंथ को सिखों के विषय में नहीं जानते ध्यान से सुनिए गा Guru Gobind Singh

औरंगजेब ने अपने सेनापति वजीर को वजीर खान को पीछे लगा दिया था

Guru Gobind Singh गुरु गोबिन्द  सिंह जी को पकड़ने के लिए वजीर खान के साथ  10 लाख की सेना गुरु गोबिन्द  सिंह जी के पीछे पीछे घूमती रही दिल्ली से लाहौर तक लाहौर से कश्मीर तक इस औरंगजेब ने सब कुछ कब्जा कर लिया था

पर जिंदगी का एक ही सपना था उसका कि गुरुदेव श्री गुरु गोबिन्द  सिंह जी को अपने चरणों में लेटा दो यही सोचता था

वह दिन रात और वजीर खान सोचा लाखों रुपया खर्च कर दिया उस सेना के साथ और तभी हुआ बैटल ऑफ़ चमकौर साहिब एक बड़ी हवेली के अंदर यह 40  सीख और वह नीचे 10 लाख पूरी घेराबंदी कर ली

Guru Gobind Singh थोड़ा सा चाहता हूं कि आप सोचो आपके पास 50  लड़के आपको घेर लें तो क्या करोगे आप 1000 लोग 10,000 लोग एक लाख लोग आपको घेर ले तो आप क्या करोगे 10 लाख लोगों ने 40 सीखो को घेर लिया था

अविश्वसनीय है अब यह क्या कह रहे हैं हम जीत जाएंगे एक बार और सुनिए गुरु गोबिन्द  सिंह जी

अकल्पनीय आज के लोगों को थोड़ी सी टेंशन आ जाती है

तो तो छोड़ देते हैं दो बातें कमाल की है

की खालसा पंथ कहता मरते दम तक हार नहीं मानी दूसरा वह विचारे मूर्ख मुगल

वह सोचे 40 की सेना को कमजोर मान बैठे तभी क्या बोला गुरु गोबिन्द  सिंह जी ने 40 सीखो को बोले आपने सुना है

चिड़िया दे नाल बाज लड़ावा गीदड़ा न्यू में शेर बनावा सवा लाख नाल एक लड़ावा ता गोबिन्द  सिंह नाम कहांवा ये जिसको समझ में आ जाए बुद्धि चकरा जाएगी 40 के 40 सिख उनकी बात मान गए

पहले सिख बोले गुरु जी आप अपनी दोनों संतानों को लेकर चले जाओ

गुरुजी बोले यह दो नहीं सारी मेरी संताने है

अपने बच्चों को सजा कर भेजा

10 लाख से लड़ने के लिए मैं जबसे इनके बारे में पढ़ा मैं रात को सो नहीं पा रहा हूं

समझ नहीं आ रहा है कि यह सोचते कैसे थे मैं आपसे यह कह रहा हूं

कि आपको समझ में आ रहा है यह सोचते कैसे थे

10 लाख से 40 कैसे लड़ेंगे औरंगजेब ने घुटने टेक दिए गुरुदेव के सामने औरंगजेब ने घुटने टेक दिए

10 लाख की सेना उसमें से 5-5 करके भेजते हैं

8-8 करके भेजते थे पहाड़ी से बार बार बार बार तलवारों से सवा लाख

आर्मी के जनरल सोल्जर वजीर खान के मार डाले

उसके बावजूद यह गुरुदेव को पकड़ नहीं पाए

गुरुदेव अपनी सेना के साथ वहां से निकल गए हाथ नहीं आ पाएंगे

उनके मुंह पर तमाचा था आप नहीं आ पाए हाथ नहीं आ पाए

लाखों की सेना मार डाली हुई वही गिरा दी

40 सिखों के साथ ऐसी लड़ाई लड़ी थी होना

उन्होंने ऐसी लड़ाई लड़ी थी मैं आपको एक बात बताना चाहता हूं समझना बहुत मुश्किल है

यह मैं यह सोचता हूं कि उन्होंने सोचा कैसे उन्होंने विश्वास कैसे कर लिया

कि हम 40 लोग जीत जाएंगे यह नहीं सोचा

कि हम भाग जाए हम 40 लोग जीत जाएंगे यह विश्वास कर लिया

गुरु गोबिन्द  सिंह जी ने अपना हर एक अंशदान कर दिया आज ऐसे गुरुदेव को पूरे देश को खड़े होकर नमन करना चाहिए

40 लोग 10 लाख लोगों को मार देंगे यह कभी किसी ने सोचा नहीं

दुनिया में 40 लोग 10 लाख लोगों को मार देंगे यह दुनिया में किसी ने सोचा नहीं

40 लोग 10 लाख को मार देंगे यह फिर पृथ्वी के इतिहास में कभी नहीं हुआ

Guru Gobind singh Quotes


FAQ?

Que:- Guru Gobind Singh Family?

Ans:- Guru Tegh Bahadur, Guru Hargobind, Guru Arjan, Ajit Singh, Guru Har Rai, Mata Sahib Kaur, Mata Gujri, Mata Jito, Zorwar singh, Jujhar singh, Mata Nanki, Baba Gurditta, Mata Ganga, Mata Sundari

Que:- Guru Gobind Singh ji height?

Ans:- ज्ञात नहीं

Que:- Guru Gobind Singh ji Wife ?

Ans:- Mata Sahib Kaur , Mata Jito

Que:- Guru Gobind ji Real Photo ?

Ans:-

Guru Gobind singh Real Photo

Que:- Where Was Guru Gobind Singh Born?

Ans:- 22 December 1666, Patna City Bihar

Que:- Guru Gobind Singh Death Reason?

Ans:- सेनापति श्री गुर सोभा के अनुसार गुरु गोबिंद सिंह के दिल के ऊपर एक गहरी चोट लग गयी थी। जिसके कारण 7 अक्टूबर, 1708 को, हजूर साहिब नांदेड़, नांदेड़ में 42 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने शरीर को त्याग दिया

Que:- Guru Gobind Singh University?

Ans:- Guru Gobind Singh Indraprastha University Delhi

Que:- Guru Gobind Singh Death?

Ans:- 7 अक्टूबर, 1708 

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